Enzyme के बारे में पूरी जानकारी! |
नमस्कार दोस्तो!
आज हाजिर हूं आपके सामने एक नए ओर knowledgefull पोस्ट के साथ।
आज के पोस्ट विज्ञान से जुड़ी है।
खास कर Life Science में इसका उल्लेख मिलता है।
वैसे विज्ञान आज इतना उन्नत हो चुका है आज हम अपने शरीर के हर अंगो के बारे में जान गए हैं।
हमारे शरीर में ऐसे बस्तु एं भी मौजूद है जिसके बिना शायद इस शरीर का चलना असम्भव है।
आज इस पोस्ट में भी हम ऐसे ही कुछ विषय के बारे में पढ़ने वाले हैं।
आपको शायद बताने को जरूरत नहीं,टाइटल देख कर पता कर लिए होंगे।
जी हां Enzyme!
आज हम एंजाइम के विषय पर पूरी तरह गहराई से जानने वाले हैं।
आज हम समझेंगे कैसे एंजाइम काम करता है,इसके प्रमुख काम क्या क्या होता है,ये कितने प्रकार के होता है इत्यादि ओर भी जानकारी।
इसलिए आप ये पोस्ट पूरी पढ़े ताकि आपको पूरी जानकारी मिल सके।
तो चलिए जानते हैं Enzyme के बारे में।
Table Of Contents
1.1. पाचक एंजाइम क्या है?1.1.1.a. अमईलोलाईटिक एंजाइम1.1.1.b. प्रोटियोलाईटिक एंजाइम1.1.1.b. लायपोलाईटिक एंजाइम1.4.1. एपोएंजाइम क्या है?1.4.3. हलोएंजाइम क्या है?2. Conclusion
Table Of Contents
1.1. पाचक एंजाइम क्या है?
1.1.1.a. अमईलोलाईटिक एंजाइम
1.1.1.b. प्रोटियोलाईटिक एंजाइम
1.1.1.b. लायपोलाईटिक एंजाइम
1.4.1. एपोएंजाइम क्या है?
1.4.3. हलोएंजाइम क्या है?
2. Conclusion
Enzyme क्या है?
Enzyme हमारे शरीर में उन प्रमुख बस्तुओं में से एक है जो हमारे शरीर में कोशिकाओं के अंदर ओर बाहर होने वाले कार्बनिक Reaction में Catalyst(उत्प्रेरक) के तर पर काम करता है लिकिन अंतिम में खुद अपरिवर्तनीय रहता है।
एंजाइम एक तरह से प्रोटीन होता है।हर एक एंजाइम एक निर्दिष्ट सब्स्ट्रेट के ऊपर ही काम करता है।जैसे कि लैक्टेज नाम वाले एंजाइम दूध में मिलने वाले लैक्टोज़ के ऊपर ही काम करता है।
जैसे कि हम पहले जाने कि ये एक कैटेलिस्ट के तर पर काम करता है इसलिए ये कोई कार्बनिक अभिक्रिया को आरंभ नहीं कर सकता है।बल्कि उसमे वो
अभिक्रिया के बेग को घटा या बड़ा सकता है।
ओर तो ओर अभिक्रिया के अंत में खुद भी अपरिवर्तनीय रहता है।
बताते चले एंजाइम के द्वारा कामकाज टेंपरेचर के ऊपर भी निर्भर करता है।
एंजाइम पुनः इस्तमाल हो सकता है क्योंकि बे अभिक्रिया के बाद अपरिवर्तनीय रहता है।
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वैसे तो ये हमारे शरीर में ही रहता है।खास तर पर ये हमारे द्वारा खाए जाने वाला खाने को Digest होने में मदद करता है।इसलिए हमारे शरीर को चलाने में एंजाइम के भूमिका को कम कर के देखा नहीं जा सकता।
पाचक एंजाइम क्या है?
जो एंजाइम जटिल खाने को सरल खाने में परिणत करके उस फूड कि डाइजेस्ट यानी पाचक में सहायता प्रदान करता हो,उसी तरह का एंजाइम को पाचक एंजाइम कहा जाता है।
वैसे नाम से ही पता चल जाता है कि इसका काम मुख्य तर पर क्या होगा।
पाचक एंजाइम,पाचन में ही काम आता है।
पाचक एंजाइम हर Gland में अलग अलग होता है।
जो भिन्न भिन्न काम में सामिल होता है।लिकिन मुख्य काम उन सब का फूड को डाइजेस्ट करने में मदद करना ही है।
पाचक एंजाइम कितने तरह का होता है?
हमने आगे पढ़े कि इसके मुख्यत काम फूड का डाइजेस्ट करना ही है।फिर भी अलग अलग प्रकार का होता है।
ऐसा क्यों?
ऐसा असल में होता है खाने में मिलने वाली न्यूट्रीशन की डिफरेंस का कारण।
हर एक खाने में कुछ ना कुछ न्यूट्रीशन वैल्यू होता ही है,लिकिन अलग अलग।
जैसे कि कार्बोहाइड्रेट,प्रोटीन तथा fat।
इसी लिए हर एक न्यूट्रीशन वैल्यू के लिए अलग अलग एंजाइम हमारे शरीर में होता है।जैसे कि
अमईलोलाईटिक एंजाइम
अमईलोलाईटिक एंजाइम उन सब एंजाइम को कहा जाता है जो कार्बोहाइड्रेट युक्त आहार को डाइजेस्ट करने में सहायक होता है।
इसे कार्बोहाइड्रेट तोड़ने वाला एंजाइम भी कहा जाता है।
अमईलोलाईटिक एंजाइम में जो जो एंजाइम सामिल है उसमे है मल्टेज,सू्क्रेज़,लैक्टेज,अम्याईलज आदि एंजाइम।
प्रोटियोलाईटिक एंजाइम
प्रोटियोलाईटिक एंजाइम उन सब एंजाइम को कहा जाता है जो प्रोटीन युक्त आहार को डाइजेस्ट में सहायक होता है।
एंजाइम एक तरह का प्रोटीन होने के साथ साथ प्रोटीन युक्त आहार को डाइजेस्ट करने में सहायता करता है।
वैसे बोहोत हमारे शरीर में बोहोत से प्रोटीन युक्त प्रोटियोलाईटिक एंजाइम पाया जाता है।जिसमें है ट्रिप्सिन, पेप्सिन, पेप्ताइडेज आदि प्रमुख एंजाइम।
लायपोलाईटिक एंजाइम
लायपोलाईटिक एंजाइम उन सब एंजाइम को कहा जाता है जो चर्बी युक्त आहार को डाइजेस्ट में सहायक होता है।
वैसे ये भी अलग एंजाइम के तरह प्रोटीन युक्त होता है ओर Fat यानी चर्बी युक्त आहार के पाचन में सहायता प्रदान करता है।
लायपोलाईटिक एंजाइम में लायपेज का अहम भूमिका रहती है।
ये आपने पढ़े पाचन एंजाइम के बारे में चलिए एंजाइम के बारे में ओर भी चीज को देख लेते हैं।
एंजाइम के क्या कार्य होता है?
शायद आपने ये एंजाइम के डेफिनिशन में पढ़ चुके होंगे।
एंजाइम के कार्य एक कैटेलिस्ट यानी उत्परेक के जैसे ही होता है।
जैसे एक उत्पेरेक किसी Reaction में भाग ले कर Reaction के गति को बड़ता ब कमाता है,ठीक उसी तरह एंजाइम भी कोशिकाओं के अन्दर ओर बाहर कार्बनिक रिएक्शन में भाग लेते हैं।
ओर अंत में रिएक्शन ख़तम होने के बाद खुद किसी अन्न रिएक्शन में भाग लेने के लिए निर्दिष्ट सबस्ट्रेट के ऊपर काम करता है।
हर एक एंजाइम के खास सबस्ट्रेट होता है जिसके ऊपर ही वो काम करता है उत्परेक के तर पर।
मुख्यत ये हमारे शरीर के अलग अलग Gland में उत्पन्न होता है ओर कार्बनिक अभिक्रिया में भाग लेता है।
एंजाइम के क्या विशेषताएं है?
Enzyme हमारे शरीर रह कर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
किसी भी आहार हमारे शरीर में डाइजेस्ट Enzyme के मदद के बिना नहीं हो सकता।
चाहे बो आहार कार्बोहाइड्रेट युक्त हो,प्रोटीन युक्त या फिर Fat यानी चर्बी युक्त क्विं ना हो,हर तरह का आहार इसके द्वारा डाइजेस्ट हो पाता है।
ऐसे में एंजाइम हमारे शरीर में डाइजेस्ट प्रणाली में काफी योगदान देता है।
कुछ एंजाइमों के बारे में
एपोएंजाइम क्या है?
किसी भी एंजाइम के प्रोटीनयुक्त को भाग को ही एपोएंजाइम कहा जाता है।
सह एंजाइम(Coenzyme) क्या होता है?
एंजाइम के जिस हिस्से प्रोटीन नहीं रहता उसको CoFactor कहा जाता है।ओर एंजाइम के कार्बनिक कोफैक्टर को ही सह एंजाइम यानी Coenzyme कहा जाता है।
हलोएंजाइम क्या है?
अपोएंजाइम ओर कॉएंजाइम कि संयुक्त से उत्पन्न सक्रिय एंजाइम को ही हालोएंजाइम कहा जाता है।
हलोइंजाइम= एपोएंजाइम+कोइंजाइम
एंजाइम के विषय में कुछ महत्वपूर्ण सवाल ओर जवाब
1) लार ग्रंथियां से निकलने वाला एंजाइम के नाम क्या है?
उत्तर:- टायलिन, मल्टेज़।
2) अग्न्याशय से निकलने वाला एंजाइमों का नाम क्या है?
उत्तर:- ट्रीपसिन, अमेयलेज, कैमोट्रीपसीन आदि।
3) आंत की ग्रंथियां से निकलने वाले एंजाइम कोन कोन से है?
उत्तर:- मोल्टेज,सू्क्रेज, लाईपेज, ईरप्सिन आदि प्रमुख आंत कि ग्रंथियों से निकलने वाला एंजाइमों का नाम है।
Conclusion
तो कैसा लगा आपको!
आशा है पढ़के आपको अच्छा लगा होगा।शायद आप कुछ नए जानकारी Enzyme के बारे में जाने होंगे।
अब शायद आप Enzyme क्या है ये कभी नहीं भूलेंगे।
इस आर्टिकल में एंजाइम के बोहोत से जानकारियां दिया गया है।आशा है आपको अच्छा लगा होगा।
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तो अाजक लिए इतना ही आपसे फिर मुलाकात होगा एक नए ओर ज्ञानवर्धक पोस्ट के साथ।तब तक के लिए खुश रहिए,मजे में रहिए।
जय हिन्द
बंदे मातरम
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